कोई मुसलमान कैसे बनता है?
पूर्णरूप से और विश्वास के साथ "ला इलाहा इल्लल्लाह, मुहम्मदुर– रसूलुल्लाह" का अर्थसमझते हुए उसे कहने के साथ ही कोई व्यक्तिमुसलमान हो जाता है। उसका अर्थहै, अल्लाह के अलावा कोई इबादत योग्यनहीं है और मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम) अल्लाह के संदेश्वाहक हैं।
कोई मुसलमान कैसे बनता है?
पूर्णरूप से और विश्वास के साथ "ला इलाहा इल्लल्लाह, मुहम्मदुर– रसूलुल्लाह" का अर्थसमझते हुए उसे कहने के साथ ही कोई व्यक्तिमुसलमान हो जाता है। उसका अर्थहै, अल्लाह के अलावा कोई इबादत योग्यनहीं है और मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम) अल्लाह के संदेश्वाहक हैं।